भक्ति की महिमा

भक्ति जब भोजन में प्रवेश करती है,
भोजन" प्रसाद "बन जाता है.।।

भक्ति जब भूख में प्रवेश करती है,
भूख व्रत" बन जाती है.।।

भक्ति जब पानी में प्रवेश करती है,
पानी" चरणामृत" बन जाता है.।

भक्ति जब सफर में प्रवेश करती है,
सफर" तीर्थयात्रा" बन जाता है.।

भक्ति भजन संगीत में प्रवेश करती है,
संगीत" कीर्तन" बन जाता है.।।

भक्ति जब घर में प्रवेश करती है,
घर" मंदिर" बन जाता है.।।

भक्ति जब कार्य में प्रवेश करती है,
कार्यक्रम" बन जाता है.।

भक्ति जब क्रिया में प्रवेश करती है,
क्रिया “सेवा" बन जाती है. और...

भक्ति जो व्यक्ति में प्रवेश करती है,
व्यक्ति" मानव" बन जाता है...

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